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Cleanest Cities in India 2025 – Full List by Category and State

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25: भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की विस्तृत सूची और श्रेणियां

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर साल आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजे 17 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा घोषित किए गए। इस सर्वेक्षण में देश के लगभग 4,500 से अधिक शहरों का आंकलन 10 मुख्य मानकों और 54 संकेतकों के आधार पर किया गया, जिसमें कचरा प्रबंधन, सफाई, स्वच्छता और नागरिक भागीदारी को प्राथमिकता दी गई।

इस लेख में भारत के स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शहरों को जनसंख्या वर्ग और अन्य विशेष श्रेणियों के अनुसार विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।


1. सुपर स्वच्छ लीग (Super Swachh League Cities)

यह श्रेणी उन शहरों के लिए है, जिन्होंने लगातार तीन साल या उससे अधिक समय तक शीर्ष रैंक बनाए रखी हो। ये शहर स्वच्छता के आदर्श उदाहरण हैं:

  • इंदौर (मध्यप्रदेश)

  • सूरत (गुजरात)

  • नवी मुंबई (महाराष्ट्र)

  • विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश)

  • नोएडा (उत्तरप्रदेश)

  • मैसूर (कर्नाटक)

  • तिरुपति (आंध्रप्रदेश)

  • विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश)

  • अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़)

  • उज्जैन (मध्यप्रदेश)


2. 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सबसे स्वच्छ शहर

इस श्रेणी में देश के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले शहरों का मूल्यांकन किया गया:

  1. अहमदाबाद (गुजरात)

  2. भोपाल (मध्यप्रदेश)

  3. लखनऊ (उत्तरप्रदेश)

  4. रायपुर (छत्तीसगढ़)

  5. जबलपुर (मध्यप्रदेश)

  6. विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश)

  7. ठाणे (महाराष्ट्र)

  8. मुंबई महानगर (महाराष्ट्र)

  9. पुणे (महाराष्ट्र)

  10. कानपुर (उत्तरप्रदेश)


3. 3 लाख से 10 लाख जनसंख्या वाले स्वच्छ शहर

मध्यम आकार के शहरों में जो स्वच्छता के क्षेत्र में सबसे आगे हैं, वे निम्नलिखित हैं:

  1. नोएडा (उत्तरप्रदेश)

  2. चंडीगढ़ (चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश)

  3. मैसूर (कर्नाटक)

  4. बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

  5. सलेम (तमिलनाडु)

  6. देहरादून (उत्तराखंड)

  7. दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल)

  8. वाराणसी (उत्तरप्रदेश)

  9. अमृतसर (पंजाब)

  10. कोटा (राजस्थान)


4. 50,000 से 1 लाख जनसंख्या वाले शहर

छोटे शहरों में जो स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट रहे, वे हैं:

  1. देवास (मध्यप्रदेश)

  2. पाटन (गुजरात)

  3. रीवा (मध्यप्रदेश)

  4. बिजनौर (उत्तरप्रदेश)

  5. छतरपुर (मध्यप्रदेश)

  6. परभनी (महाराष्ट्र)

  7. रतलाम (मध्यप्रदेश)

  8. पलवल (हरियाणा)

  9. जलना (महाराष्ट्र)

  10. तुमकुरु (कर्नाटक)


5. 20,000 से 50,000 जनसंख्या वाले शहर

इस आबादी वर्ग के छोटे शहर जो स्वच्छता में आगे हैं, वे हैं:

  1. विटा (महाराष्ट्र)

  2. लोणावला (महाराष्ट्र)

  3. कुम्हारी (छत्तीसगढ़)

  4. बीना (मध्यप्रदेश)

  5. गांधीनगर (गुजरात)

  6. शिवपुरी (मध्यप्रदेश)

  7. कोरबा (छत्तीसगढ़)

  8. एलूरु (आंध्रप्रदेश)

  9. डल्ली राजहरा (छत्तीसगढ़)

  10. रेवाड़ी (हरियाणा)


6. 20,000 से कम जनसंख्या वाले स्वच्छ नगर पंचायत

सबसे छोटे नगर पंचायतों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले:

  1. बेल्हा (बिलासपुर, छत्तीसगढ़)

  2. पाटन (मध्यप्रदेश)

  3. नारखेड़ (महाराष्ट्र)

  4. टखतपुर (छत्तीसगढ़)

  5. बसना (छत्तीसगढ़)

  6. कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)

  7. झालरपटान (मध्यप्रदेश)

  8. राजिम (छत्तीसगढ़)

  9. सिवनी मलवा (मध्यप्रदेश)

  10. साबलगढ़ (मध्यप्रदेश)


7. सर्वश्रेष्ठ छावनी बोर्ड (Best Cantonment Boards)

सेक्टरवार स्वच्छता के क्षेत्र में छावनी बोर्डों को सम्मानित किया गया:

  1. सेकंदराबाद छावनी

  2. देहु रोड छावनी

  3. जबलपुर छावनी


8. सफाई मित्र सुरक्षा श्रेणी (Best SafaiMitra Surakshit Shehar)

सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए ये शहरों को विशेष पुरस्कार मिला:

  1. विशाखापत्तनम (GVMC), आंध्रप्रदेश

  2. जबलपुर, मध्यप्रदेश

  3. गोरखपुर, उत्तरप्रदेश


9. सर्वश्रेष्ठ गंगा नगर (Best Ganga Town)

  • प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) को गंगा नदी के किनारे सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया है।


10. प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर (राज्यवार सर्वश्रेष्ठ)

राज्यवार स्वच्छता में सबसे ज्यादा सुधार करने वाले शहर:

  • छत्तीसगढ़: रायपुर

  • बिहार: भागलपुर

  • राजस्थान: उदयपुर

  • उत्तरप्रदेश: बरेली

  • तमिलनाडु: तिरुनेलवेली

  • असम: गुवाहाटी

  • झारखंड: रांची

  • हिमाचल प्रदेश: शिमला

  • गोवा: पणजी

  • जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर


स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 ने देश के सभी बड़े, छोटे, और सबसे छोटे शहरों की स्वच्छता को परखा और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित किया। यह अभियान न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी को उजागर करता है, बल्कि नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। आने वाले वर्षों में और अधिक शहरों से स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।

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